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CG:–छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों की वायरल चैट पर बवाल — नारियल, किलो और की डील प्रमोशन की कहानी,?तहसीलदार ग्रुप चैट चर्चा से उठा प्रमोशन घोटाले का शक

CG:– सोशल मीडिया पर वायरल व्हाट्सएप चैट्स ने छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा के भीतर चल रहे संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया है। ‘50-50’ नामक एक ग्रुप में पदोन्नति के एवज मेंनारियलऔरकिलोजैसे कोडवर्ड्स में घूस की चर्चाएं सामने आई हैं।

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रायपुर।प्रदेशभर में चल रहे तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के आंदोलन के बीच एक कथित व्हाट्सएप ग्रुप चैट ने भारी विवाद खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही बातचीत मेंनारियलऔरकिलोजैसे शब्दों का इस्तेमाल प्रमोशन के बदले कथित लेनदेन के लिए किया गया है। इस ग्रुप का नाम ‘50-50’ बताया जा रहा है और इसमें ‘Tehsildar’ और ‘Sir Tehsildar’ जैसे उपनामों से संवाद किया गया है।

चैट में यह दावा किया गया है कि डिप्टी कलेक्टर पद के लिए फाइल आगे बढ़ चुकी है और उसेसेटकराने के लिएमंत्रीसचिव तक नारियल चढ़ानेकी योजना बन रही है। बातचीत में एक संदेश में यह भी कहा गया है कि यदिडिलीवरीसमय पर नहीं हुई, तो दो साल जूनियर बनकर रहना पड़ेगा।

चैट में यूज़र्स के नाम हाइड कर दिए गए हैं, लेकिन भाषा और संदर्भ यह संकेत दे रहे हैं कि ये बातचीत प्रमोशन के नाम पर पैसों की वसूली और पहुंच बनाने की रणनीति से जुड़ी हो सकती है।

क्या है मामला?

‘50-50’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप की बातचीत में कथित तहसीलदारों ने पदोन्नति को लेकर चल रहीप्रक्रियामें कोडवर्ड्स में लेनदेन की चर्चा की है।
• ‘
नारियलका मतलब यहांप्रसादयानी कथित घूस बताया जा रहा है।
• ‘
किलोसे रकम का इशारा माना जा रहा है।
कैबिनेट बैठक से पहले हीडिलीवरीकी बात कही गई है।
यह भी लिखा गया है किअगर समय पर नहीं चढ़ा, तो प्रमोशन रुक जाएगा।

इन चर्चाओं से यह संदेह जन्म लेता है कि क्या तहसीलदारों का आंदोलन महज सेवा शर्तों के लिए है या इसके पीछे कुछडीलिंगभी चल रही है?

प्रांताध्यक्ष ने किया खंडन: “कोई तथ्य नहीं, सिर्फ अफवाह

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने वायरल हो रही चैट्स को पूरी तरह खारिज किया है।
उनका कहना है:

“यह आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है। मैंने कई तहसीलदारों से बातचीत की है, ऐसी कोई अधिकृत या संगठित चर्चा नहीं हुई। जब भी कोई बड़ा आंदोलन होता है, तो अफवाहें उड़ाकर उसे कमजोर करने की कोशिश की जाती है।”

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क्या हैं आंदोलन की प्रमुख 17 सूत्रीय मांगें?

तहसीलदार और नायब तहसीलदार छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं। उनकी मांगें इस प्रकार हैं:
1.
डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 पदोन्नति अनुपात की बहाली
2.
नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा
3.
प्रत्येक तहसील में स्थायी स्टाफ की नियुक्ति
4.
शासकीय वाहन, ड्राइवर और ईंधन की व्यवस्था
5.
न्यायिक अधिकारी संरक्षण अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन
6.
तहसील कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
7.
कार्यालयों के लिए स्थायी अधोसंरचना और संसाधनों की मांग
8.
कर्मचारियों को नियमित वेतन और संविदा कर्मियों का स्थायीत्व
9.
काम का न्यायसंगत वितरण और प्रशासनिक संरक्षण
10.
डिजिटलीकरण के लिए तकनीकी संसाधनों की मांग
11–17.
अन्य मांगें वित्तीय, प्रशासनिक एवं सेवा शर्तों से जुड़ी हुई हैं।

क्या आंदोलन की छवि को किया जा रहा है नुकसान या पर्दे के पीछे कोई बड़ा खेल?

व्हाट्सएप चैट की सत्यता पर भले ही अभी तक जांच नहीं हुई हो, लेकिन इससे आंदोलन की नैतिकता और पारदर्शिता पर सवाल जरूर खड़े हुए हैं। यदि यह चैट वास्तविक है, तो यह स्पष्ट करता है कि पदोन्नति की प्रक्रिया में कथित तौर पर ऊपरी पहुँच औरप्रसाद संस्कृतिअब भी जीवित है। वहीं यदि यह अफवाह है, तो यह आंदोलन के खिलाफ एक संगठित साइबर प्रोपेगेंडा का हिस्सा हो सकता है।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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