
Bilaspur Highcourt News:– रायपुर–बिलासपुर रोड पर तिफरा स्थित 19 एकड़ की जिस निजी पाश कॉलोनी को नगर निगम ने गुरुवार सुबह राजसात करने का आदेश जारी किया था, उसी कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने दोपहर में ही स्थगन दे दिया।
Bilaspur। बिलासपुर नगर निगम ने गुरुवार को मंडपम शादी घर के पास स्थित जायसवाल परिवार की 19 एकड़ की कॉलोनी को अधिग्रहित घोषित कर राजस्व रिकॉर्ड में अपने नाम दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसी का आदेश प्रतिलिपि एसडीएम कार्यालय को भी भेजी गई थी। निगम का कहना था कि कॉलोनाइजर को पहले तीन नोटिस जारी कर दावा–आपत्ति माँगी गई थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
लेकिन इसी दौरान कॉलोनाइजर सुरेंद्र जायसवाल की ओर से दायर तीनों याचिकाएं हाईकोर्ट में पहले से ही विचाराधीन थीं। गुरुवार को प्रथम सत्र में निगम ने राजसात की कार्यवाही की और द्वितीय सत्र में जब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई, तो अदालत को निगम की कार्रवाई की जानकारी दी गई।
जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की सिंगल बेंच ने लंबित याचिकाओं के बीच इस तरह की त्वरित कार्रवाई पर कड़ा रुख अपनाते हुए नाराजगी जताई और तत्काल प्रभाव से राजसात प्रक्रिया पर रोक लगा दी। कोर्ट ने साफ कहा कि जब मामला अदालत के विचाराधीन है, तब ऐसी एकतरफा कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है। मामले की आगे की सुनवाई आज शुक्रवार को होगी।
4 नवंबर को कोर्ट का नोटिस, 12 नवंबर को निगम का जवाब — फिर भी 13 को किया राजसात
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 4 नवंबर 2025 को सुनवाई में निगम ने जवाब दाखिल करने समय माँगा था। इसके बाद 12 नवंबर को निगम ने अपना जवाब कोर्ट में प्रस्तुत भी कर दिया था। यानी निगम को पूरी जानकारी थी कि 13 नवंबर को इस मामले की सुनवाई तय है। इसके बावजूद गुरुवार सुबह लगभग 11 बजे विवादित कॉलोनी को राजसात करने का आदेश जारी कर दिया गया।
इस सूचना के कोर्ट में पहुँचते ही अदालत ने नगर निगम की जल्दबाज़ी पर असहमति जताई और स्थगन आदेश पारित करते हुए स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक किसी भी प्रकार की आगे की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

