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CG NEWS:– छत्तीसगढ़ में नगर निगम की ऐतिहासिक कार्यवाही, 19 एकड़ की निजी कॉलोनी राजसात — प्रदेश में पहली बार ऐसा कार्यवाही

CG:– बिलासपुर नगर निगम ने राज्य में पहली बार सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 19 एकड़ की एक आलीशान निजी कॉलोनी को पूरी तरह जब्त (राजसात) कर लिया है।
नियमों की अनदेखी और कॉलोनी विकास में गंभीर अनियमितताओं के चलते छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 के तहत निगम ने प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब इस कॉलोनी के संपूर्ण शेष प्लॉटों की बिक्री नगर निगम स्वयं करेगा।

Bilaspur। छत्तीसगढ़ में नगर प्रशासन के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए बिलासपुर नगर निगम ने 19 एकड़ की निजी कॉलोनी को अपने अधिकार में ले लिया है।
करीब 19 एकड़ जमीन पर फैली इस कॉलोनी के राजसात होने के बाद, अब बचे हुए प्लॉटों की बिक्री से निगम को कई करोड़ रुपए का राजस्व लाभ होगा।
यह कार्यवाही 2011 में संशोधित नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) के तहत की गई है।
यह प्रदेश का पहला मामला है, जिसमें किसी निजी कॉलोनी को पूरी तरह राजसात किया गया है।

कहां है यह कॉलोनी और क्या है पूरा मामला

शहर के बिलासपुर-रायपुर मुख्य मार्ग पर स्थित तिफरा सेक्टर डी, मंडपम मैरिज हॉल के पास स्थित है जायसवाल बिल्डर की कॉलोनी।
यह कॉलोनी वर्ष 2003 में विकसित की गई थी। विकास कार्य के लिए एसडीएम कार्यालय से अनुमति प्राप्त की गई थी, लेकिन भूमि स्वामित्व में शामिल एक भाई ने बिक्री की अनुमति देने से इंकार कर दिया और मामला एडिशनल कलेक्टर कोर्ट पहुंचा।
एडिशनल कलेक्टर ने एसडीएम की अनुमति रद्द कर दी।
इसके बाद डेवलपर ने संभागायुक्त कार्यालय में अपील की, पर वहां भी स्वीकृति निरस्त कर दी गई।

उस समय यह इलाका ग्राम पंचायत क्षेत्र में था, इसलिए डेवलपर्स ने पंचायत सचिव के यहां भी अपील की, लेकिन वहां भी मामला डेवलपर्स के खिलाफ गया।
वर्ष 2019 में यह क्षेत्र नगर निगम की सीमा में शामिल हुआ।
इसके बाद जब क्षेत्र को औद्योगिक ज़ोन घोषित किया गया, तो औद्योगिक विकास निगम (IDC) ने कॉलोनी के बीच से सड़क बनाने का नक्शा तैयार किया और मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की।
मुआवजे पर विवाद बढ़ने पर मामला कलेक्टर और नगर निगम प्रशासन के संज्ञान में आया।


जांच में उजागर हुईं बड़ी अनियमितताएं

जिला प्रशासन द्वारा जांच में पाया गया कि कॉलोनी निर्माण में शासन के नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है और कई प्लॉटों की बिक्री अवैध रूप से की गई है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई।

समिति की जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि डेवलपरों ने कॉलोनी विकास नियमों का उल्लंघन किया है।
इस आधार पर समिति ने नगर पालिका निगम अधिनियम की धारा 292 (ग) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और धारा 292 (च) तथा धारा 292 (छ) के अंतर्गत राजसात की कार्यवाही प्रस्तावित करने की अनुशंसा की।



तीन चरणों में हुई दावा–आपत्ति की प्रक्रिया

निगम द्वारा तीन सार्वजनिक सूचनाएं जारी कर दावा-आपत्तियां आमंत्रित की गईं—
• पहली सूचना – 4 सितंबर 2025, प्राप्त हुईं 30 आपत्तियां
• दूसरी सूचना – 19 सितंबर 2025, प्राप्त हुईं 21 आपत्तियां
• तीसरी सूचना – 14 अक्टूबर 2025, प्राप्त हुईं 12 आपत्तियां

सभी दावों और आपत्तियों पर आयुक्त अमित कुमार ने व्यक्तिगत सुनवाई कर निर्णय दिया।
सुनवाई और तथ्यों के विश्लेषण के बाद संबंधित भूमि —
ग्राम तिफरा, खसरा नं. 1367/9, 1369/2, 1370/2, 1357, 1369/3, 1355/7, 1371, 1372/2, 1356/1, 1356/2, 1366/1, 1355/4, 1355/6, 1388, 1369/5, 1370/5, 1367/10, 1368/2, 1355/8, 1367/11, 1368/3, 1367/13, 1368/5, 1075/1ख, 1075/17, 1355/10, 1355/5, 1367/12, 1368/4, 1369/4, 1370/4, 1372/1 (कुल रकबा 19.35 एकड़) —
को धारा 292-च और 292-छ के अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर के अधीन अधिग्रहित करने का आदेश जारी किया गया।



पूरी कॉलोनी राजसात होने का पहला मामला

अब तक प्रदेश में केवल बंधक भूमि को ही राजसात किया जाता था, लेकिन यह पहला उदाहरण है, जब पूरी प्राइवेट कॉलोनी को ही निगम ने अपने अधिकार में लिया है।
विशेष बात यह है कि यह न निगम की भूमि थी, न नजूल की और न ही पट्टे पर दी गई सरकारी ज़मीन, बल्कि यह पूर्णतः निजी स्वामित्व की भूमि थी, जिसे नियम उल्लंघन के कारण राजसात किया गया।

50 प्लॉट बिक चुके, 80 की बिक्री अब करेगा निगम
जांच रिपोर्ट के अनुसार, कॉलोनी में अब तक 50 प्लॉट बेचे जा चुके हैं, जबकि करीब 80 प्लॉटों की बिक्री अब नगर निगम स्वयं करेगा।
यह कॉलोनी नेशनल हाईवे से सटी मुख्य सड़क पर स्थित होने के कारण उच्च वाणिज्यिक मूल्य वाली भूमि मानी जाती है।
इन प्लॉटों की बिक्री से निगम को करोड़ों रुपये का लाभ होने की संभावना है।
पहले से बिके 50 प्लॉटों का स्वामित्व रजिस्ट्री धारकों के नाम यथावत रहेगा।
निगम आयुक्त ने एसडीएम बिलासपुर को पत्र लिखकर उक्त भूमि का नामांतरण नगर निगम के नाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

• प्रदेश की पहली पूर्ण प्राइवेट कॉलोनी राजसात
• कुल क्षेत्रफल: 19.35 एकड़ (जायसवाल कॉलोनी, तिफरा)
• निगम को करोड़ों का संभावित राजस्व
• 50 प्लॉट बिके, 80 प्लॉटों की बिक्री निगम करेगा
• कार्यवाही धारा 292 (ग), (च), (छ) के तहत

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